Kgf movie story chapter 1 rocky bhai
KGF HINDI MOVIE STORY
यहां इंडिया के प्राइम मिनिस्टर एक आदमी का डेथ वारंट साइन करती है
- यह बोलकर कि वह बहुत खतरनाक क्रिमिनल है और किसी को भी उसके बारे में कभी पता नहीं चलना चाहिए। यह बात हो रही है। मूवी के मेन हीरो की जिसका नाम है रॉकी इसके बाद हमें जीता 2018 का टाइम दिखाया जाता है। यहां पर फेमस जनरलिस्ट आनंद पब्लिक करते हैं, जिसमें वह रॉकी की पूरी जिंदगी के बारे में लिखते हैं। गवर्नमेंट को देती है और उसके ऑफिस किसी तरह सीख न्यूज़ चैनल वालों के हाथ लगती है। वह न्यूज़ चैनल वाले आनंद मंगल जी का इंटरव्यू लेते हैं। यह जानने के लिए कि उनकी बुक में कितनी सच्चाई है उस बुक का नाम है एल्डोराडो जिसका मतलब है
- सोने का शहर की किताब की कहानी बताना शुरू करते हैं कि कर्नाटक डिस्ट्रिक्ट में खुदाई के दौरान किसानों को कुछ बताते हैं, वहीं का रहने वाला है। पक्की हो गई है। सभी गवर्नमेंट ऑफिसर को मार डाला ताकि यह घटना हुई। उसके गांव में एक बच्चे का जन्म होता है। जो बनने वाला है जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे।
- कोलार में गोल्ड निकलने की वजह से वह जगह कहलाई कोलार गोल्ड फील्ड यानी कीजिए और यह असली जगह है। कर्नाटक में जहां पहले गोल्ड माइनिंग हुआ करती थी, पर अब किसी कारण से वह बंद हो चुकी है। अब तो अपनी जगह है पर मूवी की कहानी असली नहीं है। यह सिर्फ एक कहानी है।
- सूर्यवर्धन न्यू गवर्नमेंट 99 सालों के लिए लीज पर लेकर नाराजगी नाम की एक कंपनी बनाई और सबको ऐसा दिखाया कीजिए एक लाइन है। यानी चूने के पत्थर की खदान सूर्यवर्धन कई सारे लोगों को लेकर जबरदस्त करवाता था। इस कंपनी को अच्छी तरह मैनेज करने के लिए उसने पाटनर बना है। कमल राजेंद्र देसाई।
- हर्षवर्धन का भाई अधूरा अधूरा को छोड़कर बाकी चारों पार्टनर के जी एफ से बाहर दूसरे शहरों में रहकर बिजनेस संभालते थे। उनका यह गोल्ड स्मगलिंग का बिजनेस काफी जोरों पर चल रहा था। लेकिन सूर्यवर्धन को हार्ट अटैक आया और उसकी तबीयत बहुत खराब हो गई। जिसके बाद कंपनी के सभी पार्टनर पर कब्जा करने की सोचने लगे। इस बीमारी की हालत में अपने बेटा को इसका मालिक बना दिया। परिवर्तन के भाई को पसंद नहीं आई। उसने को मारने की कोशिश की पर वह कामयाब नहीं हो पाया, लेकिन गरुड़ा को मारने में कामयाब हो गया। अब पर राज करने लगा था इसीलिए सभी पार्टनर से नफरत करते थे।
- यह सब तू ही बाकी करैक्टर की बात अब बात करते हैं। मूवी के मेन करेक्टर यानी रॉकी के बारे में रॉकी का असली नाम था। राजा कृष्णा पर बेरिया उसकी मां एक विधवा और बहुत गरीब औरत की जब राजा 10 साल का था तब उसकी मां बीमारी से मर गई। लेकिन मरने से पहले उसने अपने बेटे से एक वचन लिया था कि उसे बड़ा होकर बहुत ताकतवर और अमीर आदमी बनना होगा ताकि वह खुद भी अच्छी तरह जी सके और दूसरों की भी मदद कर सके। इस वादे को पूरा करने के लिए राजा मुंबई चला गया और उसने अपना एक नया नाम रखा। रॉकी वहां उसने अपनी हिम्मत से डॉन सिटी का दिल जीत लिया और उसके लिए काम करने लगा। धीरे-धीरे रॉकी काफी ताकतवर बन गया। बहुत अच्छा था और बड़ों के लिए बहुत बुरा का खास आदमी बन गया और मुंबई में काम संभालना बहुत हो गया था।
- रॉकी दूर-दूर तक बहुत फेमस हो गया था। 978 में शेट्टी का बॉस एंड यूज़ जो कि तेज एस के फाइनेंस में से एक है और कोई काम होता है। काम पूरा करने के बदले में वो पूरी मुंबई ऑफर करता है। इस काम के नहीं रोकी को बेंगलुरु जाना पड़ता है। बेंगलुरु में राजेंद्र देसाई और पार्टनर बोलता है। उसको मारना होगा। सभी प्लान बना कर पाते हैं, लेकिन पहले से ही जानता था इसीलिए वह पूरी तैयारी के साथ
- अपने सभी दोस्तों को आसानी से मार सकता था, लेकिन उसने कसम खाई थी कि अपने पिता की जिंदा रहता। वह किसी भी पार्टनर को नहीं मारेगा। इसलिए वह बिना किसी को नुकसान पहुंचाए वापस चला गया। उसके जाने के बाद सभी पार्टनर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि उन्होंने शेयर किया था लेकिन रॉकी फैसला करता है। उसी के घर में जाकर मारेगा। सभी पार्टनर काम करना शुरू करते हैं। अंदर के आदमी की खुफिया जानकारी।
- कराची में काम करवाने के लिए बहुत से लोगों को जबरदस्ती उठाकर लाया जाता था। ऐसे ही जब करूंगा कि आदमी एक गांव में लोगों को उठाने के लिए गए तब रॉकी वहां पहुंच गया और वह उन गांव के लोगों में शामिल होकर नाराजगी में घुस गया। वहां जाने के बाद उसे समझ में आता है कि वह जगह कितनी खतरनाक है। वहां लगभग 20000 लोगों को बंदी बनाकर रखा गया था। हर किसी से 12 घंटे काम कराया जाता और कमजोर लोगों को मार दिया जाता। वहां की गांड बहुत खतरनाक के नियम तोड़ने वालों को तुरंत ही गोली मार देते थे।
- कराची में माइनिंग एरिया से थोड़ी दूर पर गरुड़ा का महल था जहां उसकी पिता और भाई उसके साथ में रहते थे। इस महल की सुरक्षा बहुत मजबूत थी। कोई भी यहां आसानी से नहीं आ सकता था। रॉकी ने वहां पर रहकर पूरी जगह का अच्छी तरह बना कर लिया था। उसने गरुड़ा के महल तक पहुंचने का रास्ता भी ढूंढ लिया था। अब बस वह सही मौके की तलाश में था। वहां रहते रहते रॉकी ने कई लोगों को बुरी तरह मरते हुए देखा। पहले तो वह चुप रहा लेकिन एक दिन जब वहां की गाइड एक अंधे बूढ़े आदमी को मारने वाले होते हैं तब रॉकी खुद को रोक नहीं पाता। को बचाने के लिए गार्ड को मार डालता है और वह सब की नजर में हीरो बन जाता है। इस गांव को जलाकर अपने लोगों को एक सिंगल भेजता है कि अब वह पूरी तरह तैयार है और सामने आता है कि उनका दूसरा बेटा विराट अपने भाई को मारने की टीम में शामिल है। अपने भाई से बिल्कुल अलग था और दिल का अच्छा था। उसने सभी पार्टनर की खुफिया जानकारी पहुंचाई थी। तैयार हो जाता है। खो जाते हैं वहां पर जाने लगते हैं तभी विराट उनका ध्यान भटकाने के लिए अपने पिता को मार देता है। मरने की खबर सुनकर सब लोग वापस लौट जाते हैं और जाता है। अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद ही खबर लगा 3:00 बजे करता था, लेकिन इस बार वह बकरों की बलि चढ़ाने वाला था। यह तीन लोग थे जिन्हें खास कमरे में कैद करके रखा गया था। जब पूजा करने के लिए निकलता है तब तक पहुंचता है जहां पर उन लोगों को रखा गया था। उनमें से एक आदमी को मारकर उसकी जगह ले लेता है। इन लोगों को पूजा में लाया जाता है। इस पूजा में नारी की सभी कार्ड और 20000 काम करने वाले लोग भी शामिल थे। पूजा शुरु करता है और दोनों देता है लेकिन जब तीसरी आती है तब लेता है। यह खबर आग की तरह फैल गई
- मुम्बई जीतने के लिए नहीं आया था, उसे तो पूरा kgf चाहिए था। वह चाहता तो गरुडा को बेंगलुरु में ही मार सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। रोकने से कीजिए। अपने सबके सामने मांगना चाहता था ताकि वहां पर राज कर सके करते हैं। उसी को मारने के लिए तैयार हो गए, लेकिन अभी सरदार लोग के साथ मिल चुके थे जो कि उसके इशारे पर कुछ भी कर सकते थे। रॉकी के अलावा और भी लोग थे जिनकी नजर टिकी हुई थी और दूसरा भाई अभी तक मरने का नाटक कर रहा था।तो ये थी kgf की कहानी बाकी की कहानी चैप्टर टू में दिखाई जाएंगी जिसमें
- आमना सामना होगा पर कब्जा करने की कोशिश करेंगे। सेकंड पार्ट में ही हमें पता चलेगा कि क्यों प्राइम मिनिस्टर में रॉकी को मारने का आर्डर दिया करने वाले हैं। बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त और प्राइम मिनिस्टर।