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जिले में पहली बार ऐसी ऊंट यात्रा: 100 ऊंटों पर 700 किमी. की यात्रा, मांग- राजस्थान से बने 2023

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 जिले में पहली बार ऐसी ऊंट यात्रा: 100 ऊंटों पर 700 किमी. की यात्रा, मांग- राजस्थान से बने मरूप्रदेश  जिले में पहली बार 100 ऊंटों पर अनूठी यात्रा शुरू की गई  मांग है राजस्थान से 13 जिलों को अलग करके मरूप्रदेश बनाया जाए। श्रीगंगानगर से जयपुर तक 700 किलोमीटर का सफर 15 दिन में तय होगा । इस मुहिम का आगाज सोमवार को श्रीगंगानगर धानमंडी से किया गया मरुप्रदेश निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष जयवीर गोदारा ने बताया कि यात्रा 13 जिलों से होते हुए 7 फरवरी को जयपुर पहुंचेगी। वहां मरुप्रदेश बनाने के संबंध में सीएम को ज्ञापन देंगे agar aapko hamari post kesi lagi coment box me jarur btaye plg 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

राजस्थान में दो दिन बारिश की संभावना शीतलहर कड़ाके की ठंड में होगी 2023

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राजस्थान में दो दिन बारिश की संभावना शीतलहर कड़ाके की ठंड में होगी  26 जनवरी की परेड; एक दिन में 5 डिग्री गिरा पारा राजस्थान में कल हुई मावठ के बाद सर्दी फिर बढ़ गई। दिनभर चली सर्द हवा और सूरज के नरम तेवरों से चूरू, पिलानी, फतेहपुर में तापमान गिरकर 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जयपुर, अजमेर, दौसा, टोंक समेत कई शहरों में सर्दी बढ़ने के साथ ही ठिठुरन शुरू गई। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक गणतंत्र दिवस तक एक बार फिर से कड़ाके की ठंड का असर दिखने लगेगा | 23 जनवरी से एक बार फिर राजस्थान के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। एक नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण गंगानगर, हनुमानगढ़ के साथ अलवर, भरतपुर एरिया में 24 से 25 जनवरी के बीच कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। जयपुर मौसम केन्द्र से जारी रिपोर्ट के मुताबिक आज फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 5 पर पहुंच गया। इसी तरह चूरू में तापमान 9.1 से गिरकर 4.6 और पिलानी में पारा 8.7 से गिरकर 3.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।  जयपुर, चित्तौड़गढ़, बूंदी, बीकानेर, उदयपुर, कोटा में आज रात का तापमान 8 डिग्री सेल्सियस के नजदीक दर्ज हुआ। इन ...

भगवान बुद्ध" सिद्धार्थ गौतम की जानकारी gotam budh ki jivan katha

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  नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर  आज मैं आपके सामने "भगवान बुद्ध" सिद्धार्थ गौतम की जानकारी लेकर आया हूँ | जो बोद्ध धर्म के संस्थापक थे । सुनिएगा  563 ईसा पूर्व यानी कि आज से लगभग 2550-2600 साल पहले कपिल- -वस्तु नेपाल के शाक्य गणराज्य की राजधानी थी । इक्ष्वाकु वंश के शुद्धोधन क्षत्रिय वहाँ के राजा थे। वो अपनी महारानी महा माया के साथ आनद पूर्वक रहा करते थे ।  इनके विवाह को कई वर्ष बीत गए परन्तु महा माया को कोई संतान नही हुई । महारानी महा माया ने अपने नैहर देवदह के राज वैद की पत्नी से अपनी जाँच करवाई । वैद-पत्नी ने उन्हे बताया कि उसके पास उसके गर्भ धारण का ईलाज तो है परन्तु उनका गर्भ धारण करना उनके लिए बहुत ही खतरनाक है। तो शुद्धोधन का वंश आगे बढ़ाने के लिए महा माया ने अपनी छोटी बहिन महा प्रजावती का विवाह अपने पति से करवा दिया । महा प्रजावती को भी कोई संतान नही हुई। जब इनकी बहिन महा प्रजावती भी शुद्धोधन को  पुत्र देने में असमर्थ रही तो कुछ समय बीतने पर महारानी महा माया के गर्भ ठहर गया, समय गुजरता गया। एक दिन महा प्रजावती ने अपनी बहिन से कहा- दीदी ! ...