भाई मरदाना जी की पुरी जानकरी bhai mardana ji ki history
भाई मर्दाना जी के पिता मीर बदरा मिरासी अपनी पत्नी बीबी लख्खो और दो बेटों के साथ राय भोई की तलवंडी में रहते थे, जो अब पाकिस्तान में है जिसे हम ननकाना साहिब के नाम से जानते हैं । जैसे हिन्दुओं में भट्ट परिवार होते हैं जिनका कार्य अपने यजमानों के पुरखों का लेखा जोखा रखना होता है जिसे “कुर्सीनामा” कहते हैं । इस कुर्सीनामे से हमें अपने दादा पड़-दादा अपने पूर्वजों के नामों का पता चल जाता है । ऐसे ही मुस्लिम सम्प्रदाय में मिरासी बिरादरी वालों का यही कार्य होता है जो अपने मुस्लिम यजमानों के पुरखो का लेखा जोखा रखते हैं। संगीत द्वारा अपने यजमानों का गुणगान करते हुए ये अपने यजमानों को खुश रखते हैं। इसी के साथ ये एक और काम करते थे, सन्देश वाहक का | सभी लोग इनको अपने घरों में बुलाकर इनके द्वारा अपने रिश्तेदारों के यहाँ सन्देश भेजते थे। जिन्हें लिखना आता था उनका पत्र और जिन्हें लिखना नहीं आता था उनका जुबानी सन्देश हु-ब-हु उनके रिश्तेदारों तक लेके जाते थे । लोग बाग इनकी जुबान पर विश्वास करते थे। दोनों तरफ के लोग इनकी अच्छी आव-भगत किया करते थे । इस तरह इन्हें दूर दराज के स्थानों पर आने-जाने...